भारत भर के इमाम हुसैन के प्रेमी, भारत भर में जुलूस, सभा और व्याख्यान आयोजित करके उनकी शहादत को याद करते हैं। कर्बला की लड़ाई के बाद, अत्याचारी शासक यज़ीद की सेनाओं ने इमाम हुसैन के परिवार की महिलाओं और बच्चों को बंदी बना लिया। अरबीन का दिन वह दिन है जिस दिन हुसैन का परिवार कर्बला की भूमि पर लौट आया
चेहल्लुम की रस्म में करबला शहीदों की याद में भारतीय हिंदू महिलाएं आग पर चलती हैं।
यम-ए-आशूरा के 40 दिनों के बाद, भारत में चेहल्लुम [अराबेन] भी व्यापक रूप से मनाया जाता है।
इराक में इमाम हुसैन (क) की ज़ायरीन की सेवा करने के लिए इराक में स्थापित भारतीय सेवा शिविर (मकीब), जो कि नजफ से कर्बला तक, दुनिया के सबसे बड़े वार्षिक सभा के रूप में चलता है।
भारीतये मुस्लिम्स अरबईन के महीने में इराक की यात्रा करते है।