नई दिल्ली, SAEDNEWS : कोविड का टीका लगते वक़्त क्या तुरंत ही आपके मोबाइल पर कोई मैसेज आया या नहीं। क्या आपको कोविन एप से प्रमाणपत्र उसी जगह का मिला जहां आपने टीका लगवाया। क्या टीकाकरण कैम्प में उसी हेल्थ अफसर ने टीका लगाया जिसका नाम आपके प्रमाणपत्र पर लिखा है। इसके अलावा अगर टीका लगने के बाद आपके शरीर में जरा भी मांसपेशियों में दर्द या अन्य लक्षण न दिखें तो ज़रूर सजग हो जाना चाहिए। क्योंकि कहीं ऐसा ना हो कि आपको भी किसी सोसाइटी या किसी कंपनी के कार्यालय में बुलाकर नकली कोविड का टीका लगा दिया गया हो और इसके लिए बाकायदा आपसे फीस भी वसूली गई हो। दरअसल मुंबई के हीरानंदानी एस्टेट में लगाए गए नकली टीके के बाद पूरे देश में लगाये जाने वाले ऐसे कैम्प को लेकर लोगों में डर बैठ गया है। मेडिकल एक्सपर्ट्स की भी राय है कि अगर आप ऐसे कैंप में टीकाकरण कराने जा रहे हैं तो सबसे पहले उस कैंप की वैधानिकता अवश्य जांच लें।
पिछले हफ्ते नोएडा के सेक्टर 78 की एक सोसाइटी में कोवाक्सिन टीकाकरण का कैंप लगाया गया। 1400 रुपये प्रति डोज़ के हिसाब से लोगों को टीका लगा। इस सोसायटी के लोगों ने अपने कई जानने वालों को भी टीके के लिए बुलाया तो ऐसे लोगों ने नोएडा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी और संबंधित अस्पताल से सबसे पहले यह जानकारी हासिल की है कि वास्तव में इस कैम्प को लगाने की मंजूरी दी भी गई है या नहीं। पड़ताल करने के बाद यह कैंप असली पाया और लोग वहां टीका लगवाने पहुंचे।
पूरे देश में कोविड टीकाकरण को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। विश्व योग दिवस पर रिकॉर्ड 80 लाख से ज्यादा लोगों ने एक दिन में कोविड का टीका लगवाया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में ज्यादा से ज्यादा टीके लगे इसके लिए राज्य सरकारों के स्वास्थ्य विभाग से अनुमति लेकर कैंप भी आयोजित किए जा रहे हैं। पूरे देश में टीके पर नजर रखने वाली कमेटी के प्रमुख डॉक्टर एनके अरोड़ा कहते हैं जब आप ऐसे कैंप में टीका लगवाने जाते हैं तो उसकी वैधानिकता जांचना निश्चित तौर पर बेहद जरूरी होता है। उनका कहना है कि कैंप में जाने से पहले यह अवश्य पता किया जाना चाहिए कि यह कैंप किस अस्पताल के माध्यम से लगाया जा रहा है। इसके अलावा जो कैंप लगाया जाता है उसकी जानकारी उस जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में भी दर्ज होती है। इसलिए लोगों को ऐसे कैंप में जाने से पहले इन दो बातों का तो अवश्य ध्यान रखना चाहिए।
कैंप में टीका असली लग रहा है या नकली इसकी ऐसे होगी जानकारी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस के मुताबिक जैसे ही आपको टीका लगेगा, उसके बाद आपके मोबाइल पर एक मैसेज आएगा।
आपकी पूरी जानकारी कोविन पोर्टल पर दर्ज होगी जिसका आप प्रमाण पत्र भी तुरंत ले सकेंगे।
प्रमाण पत्र पर आपको टीका लगाने वाले स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी का नाम भी दर्ज होगा। इसलिए बेहतर है आप इस बात की तस्दीक कर लें कि आप को टीका जिस कर्मचारी ने लगाया है उसका ही नाम प्रमाण पत्र पर दर्ज है।
आपने जिस कैंप में जिस जगह, जिस शहर में टीका लगवाया है उसकी जानकारी आपको मोबाइल के मैसेज में और टीकाकरण के प्रमाण पत्र पर भी मिलेगी। अगर इसमें कोई अंतर है तो आपका अलर्ट होना बेहद जरूरी है।
चूंकि आपके शरीर में वैक्सीन जाने के बाद एंटीबॉडी बनने की प्रक्रिया शुरू होने लगती है। ऐसे में वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर यह माना जाता है कि शरीर में मांसपेशियों में दर्द या हल्का बुखार भी आ सकता है। इसलिए आप अपने शरीर के अंदर होने वाले बदलाव को जरूर महसूस करें। (Source : amarujala)