भारत केवल कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जूझ रहा है, बल्कि आक्रामक फंगल संक्रमण का भी सामना कर रहा है। जिसे ब्लैक फंगस या म्यूकोर्मिकोसिस कहा जाता है। फंगल इंफेक्शन के मामले देश में तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। अभी तक गुजरात, सूरत, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में इसके मामले देखने को मिल रहे हैं।
एम्स के डायरेक्टर गुलेरिया के अनुसार, ब्लैक फंगस मिट्टी, हवा और यहां तक कि भोजन में भी पाए जाते हैं, लेकिन वे कम विषाणु वाले होते हैं और आमतौर पर संक्रमण का कारण नहीं बनते हैं।
एम्स प्रमुख ने आगे कहा कि म्यूकोर्मिकोसिस (Mucormycosis) चेहरे, संक्रमित नाक, आंख के अलावा मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है। जिससे के कारण आंखों की रोशनी भी जा सकती है। यह फेफड़ों में भी फैल सकता है।
संक्रमण किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकता है। अधिकांश लोग कभी न कभी इस फंगस के संपर्क में आएंगे। लेकिन जो लोग बीमार है उन्हें इस बीमारी के होने का खतरा सबसे अधिक होता है। कमजोर इम्यूनिटी के कारण यह तेजी से आपको अपना शिकार बना सकता है। इसके अलावा इन स्थितियों में भी आप इस बीमारी के शिकार हो सकते हैं। जानिए ब्लैक फंगस से किन लोगों को है अधिक खतरा।
- एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया के अनुसार कोरोना वायरस से संक्रमित जो लोग डायबिटीज के शिकार है और स्टेरॉयड का ज्यादा इस्तेमाल करने से भी हो सकता है। इसके अलावा वेब एमडी के अनुसार इन लोगों को भी ब्लैक फंगस का अधिक खतरा।
- कैंसर के मरीज
- एड्स
- अगर किसी भी प्रकार का अंग प्रत्यारोपित किया गया हो
- स्टैम सेल ट्रांसप्लांट किया गया हो
- अगर व्हाइट ब्लड सेल्स की कमी हो
- स्टेराइड का अधिक समय से सेवन करने से
- शरीर में आयरन अधिक मात्रा में हो
- खराब पोषण के कारण बेकार स्वास्थ्य
- आपके शरीर में एसिड का असमान स्तर समय से पहले जन्म या जन्म के समय कम वजन होना
- इसके अलावा अगर आप किसी भी तरह की स्किन संबंधी समस्या जैसे जले, कटा हो इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है। (Source : indiatv)