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घुटनों के दर्द से आराम दिलाएं ये आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे (Home remedies for Knee Pain)

  January 31, 2021
घुटनों के दर्द से आराम दिलाएं ये आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे (Home remedies for Knee Pain)
बढ़ती उम्र में घुटनों में दर्द होना एक आम समस्या है, आमतौर पर घुटनों का दर्द गठिया या आर्थराइटिस बीमारी के कारण ही होता है। शरीर के जोड़ों में सूजन उत्पन्न होने पर गठिया रोग होता है या जोड़ों में उपास्थि (कोमल हड्डी) भंग हो जाती है।
शरीर के जोड़ ऐसे स्थल होते हैं जहां दो या दो से अधिक हड्डियाँ एक-दूसरे से मिलती है जैसे कि कूल्हे या घुटने। उपास्थि जोड़ों में गद्दे की तरह होती है जो दबाव से उनकी रक्षा करती है और क्रियाकलाप को सहज बनाती है। जब किसी जोड़ में उपास्थि भंग हो जाती है तो आपकी हड्डियाँ एक-दूसरे के साथ रगड़ खाती हैं, इससे दर्द, सूजन और ऐंठन उत्पन्न होती है और यही घुटनों में दर्द का कारण बन जाता है।

घुटनों का दर्द क्या है? (What is Knee Pain?)

सबसे सामान्य तरह का गठिया (Arthritis) हड्डी का गठिया होता है। इस तरह के गठिया में, लंबे समय से उपयोग में लाए जाने अथवा व्यक्ति की उम्र बढ़ने की स्थिति में जोड़ घिस जाते हैं जोड़ पर चोट लग जाने से भी इस प्रकार का गठिया रोग हो जाता है। हड्डी का गठिया अक्सर घुटनों, कूल्हों और हाथों में होता है। जोड़ों में दर्द और सूजन शुरू होने लगता है। समय-समय पर जोड़ों के आस-पास के ऊतकों या टिशु में तनाव होता है और उससे दर्द बढ़ता है।

गठिया के दर्द का घरेलू इलाज

  1. 5 ग्रा. शिरीष की छाल का पाउड़र लेकर 2 ग्लास पानी में पकायें, 1/4 शेष रह जाने पर छान लें। सुबह-शाम इसका सेवन करने से 1 महिने में गठिया से होने वाला जोडों का दर्द शान्त हो जाता है।
  2. 10 ग्रा. एरण्ड़ पत्र, लहसुन और 5 ग्रा. सेंधा नमक लेकर क़ड़वे तैल में भून लें। इस मिश्रण को पट्टी में लेकर बांध लें इससे ज़ोड़ो का दर्द कम हो जाता है।
  3. 5-5 ग्रा. हींग, लहसुन और सेंधा नमक को तैल में भूनिए। इसे ज़ोड़ों पर मलें और कप़ड़े से बांध लें। इसी तैल का आधा चम्मच लेकर 1 ग्लास दूध में उबालकर पिलाएँ।
  4. बथुआ के ताजा पत्तों का रस 15 ग्राम प्रतिदिन पीने से गठिया दूर होती है, इसको खाली पेट लेना होता है।
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घुटनों में दर्द होने के कारण (Causes of Knee Pain)

वात एवं कफ दोष जब अपने चरम स्थिति में होते हैं तब घुटनों एवं जोड़ों में दर्द होता है। घुटनों में दर्द होने के और भी बीमारियों के संकेत होते हैं-

  • -जोड़ों का दर्द
  • -गाउट
  • -रूमेटाइड अर्थराइटिस
  • -बर्साइटिस
  • -घुटने का अर्थराइटिस
  • -ऑस्टियोआर्थराइटिस
  • -ऑस्टियोमायइलिटिस
  • -टेन्डीनिस
  • -बेकर्स सिस्ट
  • -घिसा हुआ कार्टिलेज (उपास्थि) (मेनिस्कस टियर)
  • -घिसा हुआ लिगमेंट (ए.सी.एल. टियर)
  • -झटका लगना अथवा मोच
  • -घुटने की चोट
  • -श्रोणि विकार (pelvic inflammatory disease)

अर्थराइटिस में देवदार के फायदे

देवदारु का परिचय (Introduction of Devdaru)

देवदारु के पेड़ एक ऐसा जड़ी बूटी का वृक्ष है जिसका सदियों से आयुर्वेद में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। देवदारु का वृक्ष सौ-दो सौ सालों तक जिंदा रहता है। इसको बढ़ने के लिए जितनी जगह मिलती है उतना ही बढ़ता जाता है। देवदारू का वृक्ष जितना पूराना होता है उतना ही उसकी उपयोगिता औषधि और इस्तेमाल करने के सामान के तौर पर बढ़ता जाता है।

देवदार कई तरह के होते हैं और उनका प्रयोग अलग-अलग बीमारियों के लिए किया जाता है। देवदार के पेड़ का इस्तेमाल सिर, कान और गले का दर्द, जोड़ो का दर्द, डायबिटीज को कंट्रोल करने जैसे बहुत सारे बीमारियों में औषधि के रुप में इस्तेमाल किया जाता है।

देवदार के पेड़ क्या होता है? (What is Devdaru in Hindi?)

प्राचीन आयुर्वेदीय संहिताओं एवं निघण्टुओं में इसका विस्तृत विवरण प्राप्त होता है। चरक-संहिता के स्तन्यशोधन, अनुवासनोपग तथा कटुस्कन्ध एवं सुश्रुत-संहिता में वातसंशमन द्रव्यों के रूप में इसकी गणना की गई है। इसके अतिरिक्त चरक-संहिता में प्राय: सभी रोगों की चिकित्सा के रुप में देवदारु का उल्लेख मिलता है। बृहत्रयी में देवदारु का प्रयोग हिक्का, सांस संबंधी समस्या, बुखार, सूजन एवं कफ की चिकित्सा में किया गया है।

यह 50-80 मी ऊँचा, विशाल, पुष्ट, शंकुकार, सुंदर, सदाहरित वृक्ष होता है। इसका तना सीधा, स्थूल तथा शाखाएँ-फैली हुई होती हैं। छाल स्थूल, काले रंग की, खुरदरी, भीतरी अंश-तैलीय, सुगन्धित, सख्त, हल्के पीले-भूरे रंग की होती है। इसके पत्ते त्रिकोणयुक्त, सूई के आकार, तीखा, 2.5-8 सेमी लम्बे, लगभग-3-5 वर्ष तक स्थायी होते हैं। इसके फूल साधारणतया उभयलिंगाश्रयी, प्रशाखाओं के अंत पर, पुरुष केटकीन एकल, बेलनाकार, 4.3 सेमी लम्बे, शंकु-गोलाकार अथवा अण्डाकार प्रशाखाओं के अंत पर एकल होते हैं। इसका फल शंकु सीधा 10-12.5 सेमी लम्बा तथा 7.5-10 सेमी चौड़ा होता है। बीज 6-15 मिमी लम्बे, भूरे रंग के होते हैं। इसका पुष्पकाल एवं फलकाल अप्रैल से जनवरी तक होता है।

देवदार के पेड़ के छाल बहुत ही औषधी के दृष्टि से उपयोगी है। देवदारु कषाय, तिक्त, कड़वा, गर्म, लघु, स्निग्ध, कफ वात दूर करने वाला, अल्सर का घाव ठीक करने वाला, वक्र-शोधक, पुंस्त्वघ्न तथा स्तन्यशोधक होता है।

यह विबन्ध, आध्मान, सूजन, आमदोष,नींद, हिक्का, बुखार, रक्तरोग, डायबिटीज, पीनस, कफज कास, खुजली, श्वास, चर्बी, कृमि तथा पाइल्स को ठीक करने में देवदार सहायता करता है। इसका तैल कषाय, तिक्त, कटु, दुष्टव्रणविशोधक, मेदोरोग, कफजरोग, कृमि तथा अर्शनाशक होता है। इसमें शोथरोधी प्रभाव दृष्टिगत होता है।

अन्य भाषाओं में देवदार के पेड़ के नाम (Name of Devdaru in Different Languages)

देवदार का वानास्पतिक नाम Cedrus deodara (Roxb. ex Lamb.) G.Don (सीड्रस देओदार) Syn-Cedrus indica Chambray, Pinus deodaraRoxb है। देवदार Pinaceae (पाइनेसी) कुल का है। देवदार के पेड़ को अंग्रेजी में Himalayan cedar ( हिमालयन सीडार ) कहते हैं। लेकिन भारत के विभिन्न प्रांतों में देवदार को भिन्न भिन्न नामों से पुकारा जाता है। जैसे-

Devdaru in-

Sanskrit-देवदारु, दारुभद्र, दारु, इन्द्रदारु, द्रुकिलिम, किलिम, पीतद्रु, पूतिकाष्ठ, शक्रपादप, पारिभद्रक, भद्रदारु, पीतदारु, सुरभूरुह (देवभूमि में होने वाला वृक्ष) सुरदारु, भद्रदारु, सुराहय, देवकाष्ठ, कल्पपादप, अमरदारु, दारुक, स्निग्धदारु, शिवदारु, शामभव, रुद्रवत्, भूतहारि, दारुभद्र, स्नेहवृक्ष, सुरद्रुम, सुरकाष्ठ, स्नेहविद्ध;

Hindi-देवदार;

Urdu-देओदार (Deodara); उत्तराखण्ड-देवदार (Devdar); कश्मीर-ददार (Dadar), दार (Dar);

Kannada-गुण्डूगुरगी (Gundugruagi), पीतदारु (Peetdaru);

Gujrati-देवदार (Devdar);

Telegu-देवदारि (Devadari);

Tamil-टेवादारु (Tevadaru), वण्डुगोली (Vandugolli);

Bengali-देवदारु (Devadaru);

Nepali-देवादारु (Devadaru);

Punjabi-केलु (Kelu), दादा (Dada);

Marathi-देवदार (Devadar);

Malayalam-देवतारम् (Devataram)।

English-देओदार (Deodar), देओदारासीडार (Deodaracedar);

Arbi-कुलब (Kulb), सेनोबरुलहिन्द (Sanobarulhind);

Persian-देवदार (Devdar), दरखते देवदार (Darakhatedevdar), नस्तर (Nashtar)।

घुटनों में दर्द के लक्षण (Symptoms of Knee Pain)

घुटनों या जोड़ों में दर्द होने की समस्या को आप इन लक्षणों से पहचान सकते हैं :

  • -चलने, खड़े होने, हिलने-डुलने और यहां तक कि आराम करते समय भी दर्द।
  • -सूजन और क्रेपिटस
  • -चलते समय जोड़ों का लॉक हो जाना
  • -जोड़ों का कड़ापन, खासकर सुबह में या यह पूरे दिन रह सकता है।
  • -मरोड़।
  • -वेस्टिंग और फेसिकुलेशन
  • -शरीर में अकड़न।
  • -घुटनों और जोड़ों में दर्द होना।
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पैर चलाने, हाथों को हिलाने और ज्वाइंट्स हिलाने में काफी तकलीफ और दर्द का सामना करना होता है।

-बाल, चेहरे आदि में रूखापन ।

-सुबह-सुबह जोड़ों में अकड़न व चलने, चौकड़ी मार कर बैठने में परेशानी।

-भारतीय शौचालय में बैठने में परेशानी।

घुटनों के दर्द से बचने के उपाय (How to Prevent Knee Pain)

घुटनों में दर्द (Ghutno ka dard) होने से बचने के लिए इन बातों पर ध्यान देने की ज़रूरत होती है-

चाय तथा रात के समय हल्का व सुपाच्य आहार लें।

-रात के समय चना, भिंडी, अरबी, आलू, खीरा, मूली, दही, राजमा इत्यादि का सेवन भूलकर भी नहीं करें।

–दही, चावल, ड्राई फ्रूट्स, दाल और पालक बंद कर दें। इनमें प्रोटीन बहुत ज्यादा होता है।

-रात को सोते समय दूध या दाल का सेवन करना हानिकारक है। इससे शरीर में ज्यादा मात्रा में यूरिक एसिड जमा होने लगता है। छिलके वाली दालों से पूरी तरह परहेज करें।

-नॉन वेज खाने के शौकीन है तो मीट, अंण्डा, मछली का सेवन तुरन्त बंद करें। इसे खाने से यूरिक एसिड तेजी से बढ़ता है।

-बेकरी फूड जैसे कि पेस्ट्री, केक, पैनकेक, क्रीम बिस्कुट इत्यादि ना खाएं। ट्रांस फैट से भरपूर खाना यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ाता है।

-पानी पीने के नियम भी जरूर फॉलो करना चाहिए। खाना खाते समय पानी न पीएं। पानी, खाने से डेढ़ घण्टे पहले या बाद में ही पीना चाहिए।

-यूरिक एसिड की परेशानी से बचने के लिए सोया मिल्क, जंक फूड, चटपटे खाद्य पदार्थ, ठण्डा पेय, तली-भूनी चीजें न खाएं।

-गठिया के रोगी को अधिक तापमान पर पकी चीजों का सेवन करने से भी बचना चाहिए। माइक्रोवेव या ग्रिलर में बना खाना जोड़ों को नुकसान पहुंचाता है।

-अधिक मात्रा में मीठी चीजें जैसे- चॉकलेट, केक, सॉफ्ट ड्रिंक और मैदे से बनी चीजों को खाने से शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाता है जो गठिया रोग बढ़ने का कारण बन जाता है।

-जंक फूड का भी पीठ दर्द से गहरा नाता होता है। अधिकांश जंक फूड शरीर को पर्याप्त पोषण प्रदान नहीं करते। इनके कारण मांसपेशियां जल्दी थक जाती हैं। दूसरी ओर, साबुत अनाज, प्रोटीन युक्त दही और सब्जियों के रूप मांसपेशियों पर सकारात्मक असर डालते हैं।

-धूम्रपान ऑक्सीजन की मात्रा को सीमित कर देता है। जिससे मांसपेशियों को ऑक्सीजन जरूरत पूरी नहीं होती है। साथ ही निकोटीन रीढ़ की हड्डी की डिस्क्स में रक्त प्रवाह को बाधित करता है। पीठ दर्द के अलावा धूम्रपान से थकान और फेफड़ों का रोग भी हो सकता है। यदि आप पीठ दर्द की समस्या से पीड़ित हैं तो कुछ समय के लिए अपनी इस आदत को छोड़ दें।

-रात को शराब पीने के बाद अगर अगली सुबह आपको पीठ दर्द की समस्या होती है तो इसका कारण शराब हो सकता है। निर्जलीकरण दर्द को और बदतर बना सकता है। पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ निर्जलीकरण को रोकने में मदद करते हैं। गंभीर रूप से होने वाले पीठ दर्द में शराब को सीमित मात्रा में लेना अच्छा रहता है।

-जोड़ों को चोट से बचाना चाहिए- अगर जोड़ों पर चोट लगती है तो वो हड्डी को तोड़ भी सकती है, इसलिए कोशिश करें कि जोड़ों को चोट से बचाकर रख सकें, जब भी कोई ऐसा खेल खेलें जिसमें जोड़ों पर चोट लगने का डर रहता हो तब शरीर पर ज्वाइंट सेफ्टी पेड्स पहनकर रखें। अगर किसी गंभीर चोट की वजह से घुटनों में दर्द हो रहा है तो घुटनों का इलाज (ghutno ke dard ka ilaj) कराएं और डॉक्टर की सलाह के अनुसार जोड़ों के दर्द की दवा खाएं.

गतिशील रहना चाहिए- जोड़ों के दर्द से राहत के लिए सदैव गतिशील रहे। अगर जोड़ों की मूवमेंट होती रही तो आपको लंबे समय किसी भी प्रकार का कोई दर्द नहीं सताएगा। बहुत देर तक एक ही स्थिति में बैठे रहने से भी जोड़ों में कठोरता महसूस होती है।

-वजन को नियंत्रित रखना चाहिए- यदि आपका वजन नियंत्रण में रहेगा तो आपका शरीर और शरीर के सारे जोड़ भी स्वस्थ रहेंगे। शरीर का ज्यादा वजन घुटनों और कमर पर अधिक दबाव डालता है और इससे आपके शरीर के कार्टिलेज के टूटने का डर बना रहता है। अब ऐसे में आपको अपने वजन को नियंत्रण में रखना बेहद जरूरी है।

-ज्यादा स्ट्रेच नहीं करना चाहिए- अगर आप नियमित व्यायाम करते हैं तो व्यायाम के साथ आपको स्ट्रेचिंग करने की भी सलाह दही जाती है, तब ये बात हमेशा ध्यान में रखें कि व्यायाम करते समय स्ट्रेचिंग हफ्ते में केवल तीन बार करें। स्ट्रेचिंग को एकदम शुरु नहीं करना चा हिए, ऐसा करने की जगह पहले थोड़ा वार्मअप भी करें।

-दूध पीएं- दूध में कैल्शियम और विटामिन-डी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो जोड़ों को मजबूत रखने के लिए बेहद जरूरी होता है, इसलिए हर रोज दूध जरूर पीना चाहिए। जिससे हड्डियाँ मजबूत बनती हैं, अगर आपको दूध पसंद नहीं है तो दूध से बने खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जैसे पनीर, दही आदि।

-सही आसन बनाकर रखें- जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए सही पोश्चर या आसन में उठना, बैठना और चलना बेहद आवश्यक है। आपका सही पोश्चर ही गर्दन से लेकर घुटनों तक शरीर के सभी जोड़ों की रक्षा करता है।

-व्यायाम करें- जोड़ों के दर्द से निजात के लिए और अपने स्वास्थ्य की सही देखभाल के लिए आपको, व्यायाम को अपनी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बना लेना चाहिए। तैराकी करना जोड़ों के दर्द के लिए सबसे फायदेमंद व्यायाम होता है।

घुटनों के दर्द से छुटकारा पाने का घरेलू इलाज (Home Remedies for Knee Pain )

घुटनों में दर्द होने पर तुरंत जोड़ों के दर्द की दवा (jodo ke dard ki dawa) ना खाएं बल्कि पहले घरेलू उपायों से इसे ठीक करें. अगर घरेलू उपायों से दर्द ठीक ना हो तो फिर जाकर इलाज करवाएं. आइये पहले घुटनों के दर्द से राहत पाने के आसान घरेलू उपायों के बारे में जानते हैं :

घुटनों का दर्द दूर करता है हल्दी-चूने का लेप (Turmeric and Caustic lime Paste Reduces Knee Pain )

हल्दी और चूना दर्द को दूर करने में अधिक लाभदायक साबित होते हैं। हल्दी और चुना को मिलाकर सरसों के तेल में थोड़ी देर तक गर्म करे फिर उस लेप को घुटने में लगाकर रखने से घुटनों का दर्द (Ghutno ka dard) कम होता है.

हल्दी दूध का सेवन घुटनों के दर्द में फायदेमंद (Turmeric Milk Beneficial in Knee Pain )

एक ग्लास दूध में एक चम्मच हल्दी के पाउडर को मिलाकर सुबह-शाम कम से कम दो बार पीने से घुटनों के दर्द (Ghutno ka dard) में लाभ मिलता है। यह जोड़ों का दर्द दूर करने का सबसे कारगर घरेलू इलाज है।

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प्राकृतिक उपचार घुटनों के दर्द में फायदेमंद (Natural Treatment for Knee Pain )

विटामिन-डी का सबसे अच्छा स्रोत सूरज से उत्पन्न धूप है, जिससे आपको नेचुरल विटामिन-डी मिलती है जो हड्डी के लिए अधिक लाभदायक होता है। इसलिए गठिया के मरीजों को नियमित रूप से सुबह कुछ देर धूप में टहलना चाहिए.

घुटनों का दर्द दूर करने में सहायक है अदरक (Ginger : Home Remedy for Knee pain )

गर्म प्रकृति होने के कारण यह सर्दी जनित दर्द में फायदेमंद है। सांस संबंधी तकलीफ, घुटनों में दर्द, ऐंठन और सूजन होने पर अदरक का सेवन करना लाभकारी होता है।

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एलोवेरा से करें घुटनों के दर्द का घरेलू उपचार (Aloe Vera : Home Remedies for Knee pain)

जोड़ों के दर्द, चोट लगने, सूजन, घाव एवं त्वचा संबंधी समस्याओं से होने वाले दर्द में ऐलोवेरा का गूदा, हल्दी के साथ हल्का गर्म करके बांधने पर लाभ होता है। घुटनों में दर्द (Ghutno ka dard) होने पर भी आप इस घरेलू उपाय को आजमा सकते हैं.

घुटनों के दर्द से आराम दिलाये सरसों तेल की मालिश (Musturd Oils Massage Beneficial in Knee Pain)

सरसों का तेल शारीरिक दर्द, घुटनों के दर्द, सर्दी जनित दर्द में बेहद लाभकारी होता है। नियमित रूप से सरसों के तेल से घुटनों की मालिश करने पर घुटनों का दर्द (Ghutno ka dard) जल्दी दूर हो जाता है।

घुटनों का दर्द दूर करता है लौंग (Clove Reduces Knee Pain)

दांत व मसूड़ों के दर्द, घुटनों के दर्द (Ghutno ka dard) और सूजन आदि में लौंग काफी लाभकारी है। दर्द वाली जगह पर लौंग का पाउडर या लौंग के तेल में भीगा रूई का फोहा रखना बेहद असरकारक होता है।

अश्वगन्धा एवं सोंठ पाउडर से करें घुटनों के दर्द का घरेलू उपचार (Ashwagandha and Ginger Powder Beneficial in Knee Pain)

इसके लिये 40 ग्राम नागौरी अश्वगंध पाउडर, 20 ग्राम सोंठ चूर्ण तथा 40 ग्राम की मात्रा में खाण्ड पाउडर लें। तीनों को अच्छी तरह से मिला लें। जोड़ों एवं घुटनों के दर्द में इस चूर्ण को 3-3 ग्राम मात्रा में सुबह शाम गर्म दूध के साथ लेने से जोड़ों के दर्द में और सूजन में बहुत अच्छा आराम मिलता है। गठिया के घरेलू इलाज के रूप में यह नुस्खा काफी प्रचलित है, कई लोग इसे घुटनों के दर्द की आयुर्वेदिक दवा के रूप में इस्तेमाल करते हैं।

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घुटनों का दर्द दूर करने के लिए करें मेथी का उपयोग (Fennel Seed Beneficial in Knee Pain)

मेथी दाना का जोड़ों पर असर दर्द की गोली की तरह ऐनलजेसिक एवं एंटी-इंफ्लामेट्री होता है। इसके लिये दाना मेथी का पाउडर आधा से एक चम्मच सुबह शाम खाने के बाद गर्म पानी से लें। इससे घुटनों के दर्द (Ghutno ka Dard) से आराम मिलता है।

मसाज या सिकाई से पाएं घुटनों के दर्द से आराम (Massage Benefits for Knee Pain)

आयुर्वेद में जड़ी-बुटियों से बने तेल से मालिश करने के बहुत से फायदे बताये गये हें इससे जोड़ों में चिकनाई आती है, जकड़ाहट दूर होती है, दर्द व सूजन में आराम मिलता है। इसके लिये 250 ग्राम सरसों के तेल को कढ़ाई में डालकर गर्म करने के लिये गैस पर रखें। इसमें 8-10 कली लहसुन की छील कर डाल दें। गर्म तेल में एक-एक चम्मच अजवायन, दानामेथी, सोंठ पाउडर भी डाल दें। जब सारा मसाला पक जाये तो पकने पर नीचे उतार लें। ठण्डा होने पर किसी काँच की शीशी में डाल कर रख लें। सर्दियों में सुबह-सुबह की गुनगुनी धूप में इस तेल से घुटनों की मालिश करें या जिस भी जोड़ों में दर्द हो वहां मालिश करें।

एक्सरसाइज घुटनों के दर्द में फायदेमंद (Exercise for Knee Pain)

यह जान लें कि नियमित व्यायाम करना घुटनों या जोड़ों के दर्द का सबसे असरदार इलाज है। फिजियोथेरेपिस्ट की राय से एक्सरसाइज करें या योगा शिक्षक से सीख कर नियमित योगा करें।

डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए (When to Contact a Doctor)

आमतौर पर लोगों को जब भी घुटनों में दर्द होता है तो वे घुटनों या जोड़ों के दर्द की दवा खाकर दर्द से राहत पा लेते हैं। लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो ऐसा करने से बचें बल्कि पहले जोड़ों के दर्द के घरेलू उपचार अपनाएं। अगर इनसे उचित लाभ ना हो तब जाकर डॉक्टर से घुटनों के दर्द का इलाज करवाएं। इसके अलावा अगर दर्द फ्रेक्चर की वजह से है या दर्द के साथ सूजन है, लालिमा है, गर्माहट है या फिर दर्द के साथ बुखार है और वजन कम हो रहा है और रात में तेज दर्द होता है तो फ़ौरन ऑर्थोपीडिक डॉक्टर को दिखाना बेहतर होता है। (source : 1mg)


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